नम आंखो की भाषा समझ, मुस्कान जो ले अाता था.. वो आप थे पापा... मेरी खामोशी की बातों को जो समझ जाता था.. वो आप थे पापा... दुनिया के नही, खुद के नियम बनाओ, जिसने कहा था.. वो आप थे पापा... थकान चाहे जितनी हो, पर जो हमे वक़्त देना ना भूलता था.. वो आप थे पापा... खुशियां बिखेर सबमें, जिसे चुपके से रोता देखा था.. वो आप थे पापा... दर्द को ताकत कैसे बनाते है, जिसने हमे सिखाया था.. वो आप थे पापा... अपनी पहचान कैसे बनाते है, ये जिसने बताया था.. वो आप थे पापा... घर को घर बनाया माँ ने, पर उस घर की जो जान था.. वो अाप थे पापा... इस बड़ी सी दुनिया में, जो आज भी अपनी कमी बताता है.. वो आप हैं पापा... वो आप हैं पापा... Miss you Papa...