मिल जाते है हर रोज़ कुछ चेहरे मुस्कुराते हुए, ना खामोशी के बादल,ना कोई शिकवा लिए हुए, युही अफसोस रहता था चेहरे पर हर रोज़ कभी, आज मुस्कराने लगे हम भी उन्हें देखते हुए।। उम्मीद न थी यू निकलने की वहाँ से साज़िशें जो कुछ लोग थे लगाए हुए, हमारी खामोशी को कमज़ोरी समझकर लोग हारने की उम्मीद थे लगाए हुए, बस फिर युही आज़ाद हो गए हम भी चुप्पी भी चुप सी हो गयी हमारी, हँस दिया जोर से महफ़िल में फिर उनके खुशियों पर देखा यू मरहम लगते हुए।। कुछ लोग मिल गए....... #हिंदी #योरकोट_हिंदी #munasif_e_mirza #munasif_life #lifequotes #lifestory