a-person-standing-on-a-beach-at-sunset स्वारथ के सब मीत हैं, मतलब का संसार। मित्र बनाया जांचकर, निकले सब मक्कार।। कौन किसी का है यहां,स्वारथ के सब मीत। बिन मतलब करता नहीं, कोई किसी से प्रीत।। स्वारथ के सब मीत हैं,थामे रहते हाथ। पतझड़ में पत्ते यहां, छोड़े तरु का साथ।। -निलम ©Nilam Agarwalla #स्वार्थी_इंसान