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घटा देख कर दीया जलाना चाहते हो तूफानों से तुम अनजा

घटा देख कर दीया जलाना चाहते हो
तूफानों से तुम अनजाने लगते हो
जल्दी मे हो उसे अपना बनाने को
पतंगे तुम शमा से अनजाने लगते हो
बिन पत्वारो के बैठ गए हो नाव मे
माजी अपने आप मे ही बन बैठे सियाने लगते हो
त्मास्बीनो की बस्ती मे घर बसाना चाहते हो 
जोकर के भेष मे तुम कोई दीवाने लगते हो
मेरी तुकबंदी पर ही वाह वाह कर रहे हो
गजलों शायरी के दर्द से भी अबी बेगाने लगते हो गजलों शायरी के दर्द से Hidden_feelings Geet Geetu #suman# Deep Sandhu aman6.1
घटा देख कर दीया जलाना चाहते हो
तूफानों से तुम अनजाने लगते हो
जल्दी मे हो उसे अपना बनाने को
पतंगे तुम शमा से अनजाने लगते हो
बिन पत्वारो के बैठ गए हो नाव मे
माजी अपने आप मे ही बन बैठे सियाने लगते हो
त्मास्बीनो की बस्ती मे घर बसाना चाहते हो 
जोकर के भेष मे तुम कोई दीवाने लगते हो
मेरी तुकबंदी पर ही वाह वाह कर रहे हो
गजलों शायरी के दर्द से भी अबी बेगाने लगते हो गजलों शायरी के दर्द से Hidden_feelings Geet Geetu #suman# Deep Sandhu aman6.1

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