“लोगों की बात से क्यों परेशान होते हो तुम बच्चों की तरह लोग तो किसी को भी कुछ भी बोल कर निकल जाते हैं, जब हालात बदल जाएँ, तो लोगों के बोल बदल जाते हैं।” गजानन्द खेड़े अतुल सिंह