पतझड़ भी है बहार भी है। विजय भी हैं तो हार भी है। कोई दुनियां की हर खुशी पाया है तो कोई मुश्किलों से दो चार भी है। कोई हर किसी का दिल लुभाता है तो किसी के हर रिश्ते में दरार भी है ©Kamlesh Kandpal #Bhaar