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मां याद आती हैं मूझे, पापा याद आते है मूझे भैया या

मां याद आती हैं मूझे, पापा याद आते है मूझे भैया याद आते हैं मुझे, दादी याद आती है मुझे, मोहले के हर शख्स याद आता है मुझे, बचपन याद आता है मुझे-2 ,जब घिर जाती हूं अकेलेपन से जब काटने दौड़ती है घर के दीवारें,तो मोहले की सहेलियां याद आती है मुझे बचपन याद आती है मुझे.....2,जब थक के चुर हो जाती हूं सबको खिलाकर खाने अकेले बैठ जाती हूं तब मां याद आती हैं मुझे मा के साथ सरा खुशी याद आता है मुझे , बचपन याद आता है मुझे......2. वो अपनापन जहा पड़ोस भी अपना पड़ोसी भी अपने। जहा ना किसी की हमसे कोई उमीद न किसी काम की आस, वो भी याद आते है मुझे । बचपन याद आता है मुझे बचपन याद आती है मुझे।मा की ममता पापा की दुलार भैया का डर दादी की कहानी सब याद आती है मुझे  बचपन याद आता है मुझे.।

©Varsha Chaurasia 
  बचपन याद आता है मुझे😔😔

बचपन याद आता है मुझे😔😔 #कविता

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