"एक दो दिन में वो इकरार कहाँ आएगा हर सुबह एक ही अखबार कहाँ आएगा आज जो बाँधा है इनमें तो बहल जायेंगे रोज़ इन बाँहों का त्योहार कहाँ आएगा" 😍❤️ #Hug_Day (R.K) ©Ram G Kashyap #hugday