उसी पे मरता था उसी के लिए जीता था छुप छुप के दरवाजे से रोज उसे निहारता था। रोज सुबह सबसे पहले उसका स्टेटस खोलता था, उसके तस्वीर को देख खुशी से झूम उठता था मानों सारा खुशी ही मिल गया हो यही सोच में उनके तस्वीर में खो जाया करता था। दिल अनजान था बड़ा ही नादान था कब उससे दिल लगा बैठा था।। यह भी मुझे नहीं पता था, एक वही लड़की थी जिसे मैं अपना सब कुछ मान बैठा था।। 2।। Love always give me a new way to write..