रात बाकी है.. मुलाकात बाकी है, हम दोनो की अठखेलियों की सौगात बाकी है... इंतज़ार की ये घड़ियाँ, है कई दर्द छुपाए हुए, मेहबूब से मिलन की चाह बाकी है... ना दोष दूँ मै उन तारों को ना अँधियारा छुपा सके तुझे, यूँ चाँदनी जो तूने अपनी बिखेरी हमसफर तेरे दीदार की हसरत मुझमे यूँ जागी है... अब नींद कहाँ इस दिल को जो तुझसा जवां हो हमदम साथ मेरे... रातों में जो तू ही रहे नज़ारों में वो रात के नज़ारे.., फिर कैसे ना रहे सपनो में तू मेरे... DQ : 018 #yqdidi #yqbaba #yqhindi #yqurdu #yqshayari #raat1series #baatein #yaad