पल्लव की डायरी लतो के कारोबार बे धड़क चालू है इनके रेवन्यू से जिंदा सरकारी खजाने है तम्बाकू प्रतिबन्ध के सारे खोखले दावे है नशा खोरी समाज परिवार को तोड़ देती है मानसिक संतुलन आदमी का खो देती है धुँआ धुँआ सिगरेट से फेफड़े दम तोड़ देते है कैंसरों के ईलाज में परिवार आर्थिक सन्तुलन खो देते है अनाथ बच्चों ,औरतो को विधवा कर देते है ईमानदारी से अगर ,शपथ संकल्प उठाते बड़े नशीले कारखाने बन्द होते प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #worldnotobaccoday बड़े नशीले कारखाने बन्द होते #worldnotobaccoday