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राम जन्म आज अयोध्या में चहुंदिसी, दीपों की कतार ह

राम जन्म

आज अयोध्या में चहुंदिसी, दीपों की कतार है
खुशहाली है चेहरों पर, की जन्में राजकुमार हैं।

राम जन्म से प्रजाजनों को , हुआ परम आनंद है
लीला करने वसुंधरा पर, जन्मे दीनानाथ है।

पुत्र जन्म हुआ नृप घर में, ये उनके सत्काम
राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न,ये चारों के नाम।

राजमहल के लाडले चारों, सबके प्रिय खिलवाड़ है
ऐसे खेलते धरा से जैसे, मिले युगों के बाद है।

जिसने जैसा मांगा,वैसा देना उनका काम है
कौशल्या के दीनानाथ, और दशरथ जी के राम हैं।

मिथिला पुर में जनक राज को, इक कन्या का दान मिला
वसुंधरा के गोद से जन्मी, सीता उनका नाम पड़ा। राम जन्म
राम जन्म

आज अयोध्या में चहुंदिसी, दीपों की कतार है
खुशहाली है चेहरों पर, की जन्में राजकुमार हैं।

राम जन्म से प्रजाजनों को , हुआ परम आनंद है
लीला करने वसुंधरा पर, जन्मे दीनानाथ है।

पुत्र जन्म हुआ नृप घर में, ये उनके सत्काम
राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न,ये चारों के नाम।

राजमहल के लाडले चारों, सबके प्रिय खिलवाड़ है
ऐसे खेलते धरा से जैसे, मिले युगों के बाद है।

जिसने जैसा मांगा,वैसा देना उनका काम है
कौशल्या के दीनानाथ, और दशरथ जी के राम हैं।

मिथिला पुर में जनक राज को, इक कन्या का दान मिला
वसुंधरा के गोद से जन्मी, सीता उनका नाम पड़ा। राम जन्म