वफ़ा के बाजार मैं ईमान बिक रहा है मेरे पीठ पीछे वो रकीब को खत लिख रहा है उसकी बेवफाई की आग से है घर रोशन मेरा वो समझती है अँधेरा है और मुझे कुछ नही दिख रहा है #shayri #pyar #poetry #andhera #dhokha