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वफ़ा के बाजार मैं ईमान बिक रहा है मेरे पीठ पीछे

वफ़ा के बाजार मैं 
  ईमान बिक रहा है
मेरे पीठ पीछे वो रकीब को खत लिख रहा है 
   उसकी बेवफाई की आग से है 
घर रोशन मेरा 
     वो समझती है अँधेरा है और मुझे कुछ नही दिख रहा है #shayri #pyar #poetry #andhera #dhokha
वफ़ा के बाजार मैं 
  ईमान बिक रहा है
मेरे पीठ पीछे वो रकीब को खत लिख रहा है 
   उसकी बेवफाई की आग से है 
घर रोशन मेरा 
     वो समझती है अँधेरा है और मुझे कुछ नही दिख रहा है #shayri #pyar #poetry #andhera #dhokha
sahzadaalam1454

sahzada alam

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