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ये भीड़ क्या समझे किसी की पीर, कसती जो भर-भर के ता

ये भीड़ क्या समझे किसी की पीर,
कसती जो भर-भर के तानों के तीर।

©Gunjan Rajput ये भीड़ क्या समझे किसी की पीर,
कसती जो भर-भर के तानों के तीर।
#विचार #मनुष्य #समाज #कविता 
#कवि #मानसिकता #thought  #साक्षी#हत्या#कांड
ये भीड़ क्या समझे किसी की पीर,
कसती जो भर-भर के तानों के तीर।

©Gunjan Rajput ये भीड़ क्या समझे किसी की पीर,
कसती जो भर-भर के तानों के तीर।
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