किस्मत मे ही मंज़िल है, ज़रा झांक कर तो देख, पीछे खड़ी मुश्किल है, नज़रे मिला कर को देख। हर सवेरे आई महफ़िल है, कभी मना कर तो देख, कागज नहीं कश्ती है, कभी बहा कर तो देख। भागा हुआ कोई अपना है, उसे बुला कर तो देख, रूठा हुआ कोई सपना है, आंखे मिलाकर तो देख। तू ही तेरा अपना है, विश्वास दिला कर तो देख, दूर खड़ा कोई तुझसा है, पास जाकर तो देख। सिमरन राय Follow on instagram (Link in bio)