तुम कोई ख्वाहिश तो करो, मैं टूटता तारा बन जाऊँगा। तुम बारिश बनकर तो बरसो, मैं बंजर ज़मीं बन जाऊँगा।। यूँ तो समाहित हूँ मैं तुझमें, फिर भी तुझसे जुदा हो जाऊँगा। तेरी खुशी, तेरी सलामती के लिए मैं अपनी जान भी लूटा जाऊँगा।। ©Ajay तुम कोई ख्वाहिश तो करो, मैं टूटता तारा बन जाऊँगा। तुम बारिश बनकर तो बरसो, मैं बंजर ज़मीं बन जाऊँगा।। यूँ तो समाहित हूँ मैं तुझमें, फिर भी तुझसे जुदा हो जाऊँगा। तेरी खुशी, तेरी सलामती के लिए