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कुछ ताजे जख्म मिलते हैं कुछ पुराने दर्द भुला देत

कुछ ताजे जख्म मिलते हैं 

कुछ पुराने दर्द भुला देती है 

पता भी नहीं चलता मुझे 

कब दिन भर की ये थकान गेहरी नींद में सुला देती है

©lovey singh din bhar ki thakaan 
#patience
कुछ ताजे जख्म मिलते हैं 

कुछ पुराने दर्द भुला देती है 

पता भी नहीं चलता मुझे 

कब दिन भर की ये थकान गेहरी नींद में सुला देती है

©lovey singh din bhar ki thakaan 
#patience