कहां मिलता है सुकून एक बार आकर, झांककर देख तो मेरी आंखों में तेरे जाने के बाद भी वे वैसे ही हैं जैसे तेरे रहने पर थे। वे आज भी उतने ही शांत है जितना तुझसे पहली बार मिलने पर थे आखों में है थोड़ी आसूंओं का सैलाब ये तब भी थे और आज भी मिलेंगे तब भी थोड़ा खुशी में थे आज भी ये खुशी में ही हैं कहां मिलता है सुकून एक बार आकर, झांककर देख तो मेरी आंखों में –अjay नायक ‘वशिष्ठ’ ©AJAY NAYAK #Shajar #shukun कहां मिलता है सुकून एक बार आकर, झांककर देख तो मेरी आंखों में तेरे जाने के बाद भी वे वैसे ही हैं जैसे तेरे रहने पर थे।