जवां हुए हैं जब से वो, बदले बदले से तेवर है, मेरी दिवानगी हां बहुत हैं, पर वो उससे बेखबर हैं, उन से ही मेरे दिन रात हैं, उन से ही सुबहो सहर हैं, वो जवां क़यामत के हैं, तो क्या.. हम भी कहर हैं, अदाएं उनकी माशा-अल्लाह, तो नज़र हमारी भी कहर हैं। ♥️ Challenge-524 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।