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सनम तुमसे जुदा होकर बे ख़ुदा हम हुए, ज़िन्दगी से कोस

सनम तुमसे जुदा होकर बे ख़ुदा हम हुए,
ज़िन्दगी से कोसो दूर खौफ़ज़दा हम हुए।

मुँह मोड़ा  जबसे तुमने  नज़र लग गई है,
बेज़ार बेकार हर जगह हर मर्तबा हम हुए।

कभी घायल कभी कायल कभी मायल हुए,
बिखरे बड़ी दूर तलक मा'ज़ूर-ए-अदा हम हुए।

तैरना भूले छटपटातें रहे ग़म की गहराई में,
तेरा साथ किनारा था जुदा हुए ग़मज़दा हम हुए।

कैफ़ीयत में हूँ मेरी वफ़ा क्यों दौर-ए-हिज्र से गुज़री,
शाख से पत्ते फ़लक से बूँदे वैसे तुझसे अलाहदा हम हुए।— % & मा'ज़ूर-ए-अदा - Unable For Graces
अलाहदा - Separate 

♥️ Challenge-889 #collabwithकोराकाग़ज़

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सनम तुमसे जुदा होकर बे ख़ुदा हम हुए,
ज़िन्दगी से कोसो दूर खौफ़ज़दा हम हुए।

मुँह मोड़ा  जबसे तुमने  नज़र लग गई है,
बेज़ार बेकार हर जगह हर मर्तबा हम हुए।

कभी घायल कभी कायल कभी मायल हुए,
बिखरे बड़ी दूर तलक मा'ज़ूर-ए-अदा हम हुए।

तैरना भूले छटपटातें रहे ग़म की गहराई में,
तेरा साथ किनारा था जुदा हुए ग़मज़दा हम हुए।

कैफ़ीयत में हूँ मेरी वफ़ा क्यों दौर-ए-हिज्र से गुज़री,
शाख से पत्ते फ़लक से बूँदे वैसे तुझसे अलाहदा हम हुए।— % & मा'ज़ूर-ए-अदा - Unable For Graces
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nazarbiswas3269

Nazar Biswas

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