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वह राहे मुझसे बिछड़ गई है, निकले थे जिसे पाने को,

वह राहे मुझसे बिछड़ गई है,
निकले थे जिसे पाने को, 
वह मंजिल अब बिछड़ गई है,
चला था जिन हाथों में लिए हाथ,
वह साथ अब बिछड़ गया है: 
(हां बनते बनते बिगड़ गई है)

©Yogi๏_๏
  ## बनते बनते बिगड़ गई है

## बनते बनते बिगड़ गई है

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