लफ़्ज़ों से भी अब ,करने लगे हैं कत्ल कैसे , जिसे ढूंढो उससे बड़ा, कोई शातिर ना मिला ! कई बार झाँका है , खुद़ के गिरेबा़न में कभी कहीं कोई मुझे ,कातिल न मिला !! अनवर हुसैंन अणु भागलपुरी #शातिर लफ़्ज़ों से भी अब ,करने लगे हैं कत्ल कैसे , जिसे ढूंढो उससे बड़ा, कोई शातिर ना मिला ! कई बार झाँका है , खुद़ के गिरेबा़न में कभी कहीं कोई मुझे ,कातिल न मिला !! अनवर हुसैंन अणु भागलपुरी