हम जो बुनियाद गढ़ते है वैसा ही हम इमारतें बनाते है जो कुछ भी हम देश दुनिया और समाज को देते उसका प्रतिफल हमें मिलता हैं सभी इंसान व पादप जीव जंतु कुदरत की बनायी नायाब सृजन का सद्भावना पूर्ण संतुलित उपयोग व उपभोग की भागीदारी निहित हैं दया करुणा शील स्वाभिमान के साथ जीवन जीने का अधिकार सह कर्तव्य समाहित है 💐 आओ बेहतर कल बनायें फिज़ा मे खुशियां बांट लाये चांद या मंगल पर जाने की जरूरत नहीं वसुंधरा को जन्नत का स्वरुप बनायें।।💐 मै भी भगत सिंह #बुनियाद