#OpenPoetry *कहीं पर गम कहीं सरगम ये कुदरत के ही तो नज़ारे हैं* *प्यासे तो वो भी रह जाते हैं घर जिनके दरिया किनारे हैं..✍️ ⛦* *कहीं पर गम कहीं सरगम ये कुदरत के ही तो नज़ारे हैं* *प्यासे तो वो भी रह जाते हैं घर जिनके दरिया किनारे हैं..✍️ ⛦*