कैसी होंगी?कहा है?न जाने और भी कितने सवाल आ जाते है शांत समंदर से मन में झरने की ही भांति बवाल आ जाते है कुछ ऐसे ही तुम याद आ जाती हो ज़ुबानी कहानी बन कर मानो कभी ना बोलने वाले शख्स के भीतर से कवाल आ जाते है ©A P #तुम_और_मैं #A_P