Alone क्यूँ तोड़ दिए दिल को मेरे तुम कुछ विरक्ति बातों से, हमको ही सज़ा बस मिलनी थी क्या इन तनहे सौगातों से. काश समझ जाती तुम कि नहीं मिलता कोई अपना है, हर सुख हर क्षण इस जग का अब सबकुछ भौतिक सपना है ! कभी तो मिल जाती मुझसे तुम भीड़ भरी इन राहों में, जैसे राधा कृष्ण से मिलती घने कुञ्ज की छाओं में! खोये रहते हैं हर पल हम थारी उन सब बातों में, काश होता इक बार की तुम भी सोचा करती रातों में ! यही दुआ करते हैं हम की पूर्ण हो तेरा हर सपना, नहीं मिली हमको तो क्या मिल जाये तुम्हें कोई और अपना ! अलविदा कहती थी जब तुम हम न समझे नादानों को, अब तो हम भी देते विदा अब तुम जैसी इंसानों को ! #love of school life.