मैंने सीखा है प्रेम, अपने मां बाबा से। जब मां बिना कुछ बोले, साथ चलती रही बाबा के, पीछे नहीं, आगे नहीं, बस साथ.......हमेशा उनके दाहिने और। शायद कभी हाथ नहीं थमा बाबा ने मां का सबके सामने। पर उनका वो बिना नमक की दाल चुपचाप खा जाना, किसी भीड़ में हाथ थामने से कम नहीं होता। शायद कभी मां ने हक़ नहीं जताया बाबा पर सबके सामने। पर उनका रोज सुबह बाबा के लिए कोई शर्ट चुनना, पूरे संसार में हक़ जताने से कम नहीं होता। हां, मैंने सीखा है प्रेम, अपने मां बाबा से – संसार का सबसे सरल प्रेम। ©Swechha S Our parents are the best example that love is beautiful... 💌 #10March #Love #Prem