तुम न हो तो साथ मेरे,मेरा सफ़र अधूरा है ताउम्र रहा तन्हा चलता, तन्हा मंज़र पूरा है मंजिल की परवाह नहीं, तुम ही मेरी मंजिल हो ढाई आखर बिन ओ मांझी, कोरा ज्ञान अधूरा है _____©® गणेश सिंह जादौन तुम न हो तो साथ मेरे,मेरा #सफ़र अधूरा है ताउम्र रहा तन्हा चलता, #तन्हा_मंज़र पूरा है मंजिल की परवाह नहीं, तुम ही #मेरी_मंजिल हो #ढाई_आखर बिन ओ #मांझी, #कोरा_ज्ञान अधूरा है _____©® गणेश सिंह जादौन