शाम से इंतज़ार रहता हैं उन छोटे-छोटे तारो के चमकने का, दूधिया रोशनी फैलाते चांद का वर्षों बाद शहरों में दिखाई जो दे रहा हैं, वर्षों बाद छत पर लेट तारो से बाते करने की ललक रहती हैं, उस सीतल हवा को बहता देख ठिठुरन को महसूस कर बदन में झनझनाहट सी बनी रहती हैं...! - जुनेदपुरिया क़लम से... शाम से इंतज़ार रहता हैं...! #sun #moon #star #light #hope #peace #positivity #believe #poemforchange #hopeforgoodandgod