***मेरी प्यारी नींद** आखिर क्यू मुझसे तू रूठी हो? लाख बुलाती हूं,फिर भी छोड चली जाती हो। थके इस मन का, तू ही तो सहारा हो। रोग चिंता की, तुम ही तो दवा हो । कभी गुलाम बनके रहने वाली , आज खुद शहजादी बनी हो। होकर लापता, मुझे क्यू सताती हो । प्यारे-प्यारे सपनो की दुनिया मे ले जाने वाली, बोलो तुम कहाँ हो। बिना तेरे आराम नही, हो गयी काली रात, बोल अबतक तू क्यू आयी नही। आ जाना छुपके से, जैसे रोज तू आती थी। ले चल उस रंगीन दुनिया में, जहाँ तू मुझे ले जाती थी। #NightPath #नीदं