फिर शाम हुई और मैं उनके रंग में उतरने लगा, नशा एक जादू की तरह फिर मेरी रगों में चढ़ने लगा, अब तक शराब को भी मैंने हाथ में नही लिया और महफ़िल-के-काफ़िला मेरे नशे से डरने लगा, कहता है कोई क्या हो गया है तुम्हे ये, मैं क्या कहूँ की खुदा अब मुझमे खुद ही उतरने लगा, मोह्ब्बत तो वो तोहफा है जिंदगी का जिसमे खुद खुदा भी मरने लगा।। मुझे माफ़ करना दोस्तों लगता है शाम हो गयी है , और मैं उनके रंग में उतारने लगा।। #love #life #yqquotes #yqdidi #yqbaba #imagination #yqquotes #zindagi