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दीदार-ए-वफा हो गया, थम गई जैसे सांसे वही, ना जमीन

दीदार-ए-वफा हो गया, थम गई जैसे सांसे वही,
ना जमीन तांकि, ना आसमां पर नज़र गई,
महबूब का नूर-ए-खुदा देखा, बिस्मिल्लाह ‌करदी हमनें वहीं,
आदिल-ए-इश़्क में जैसे ही सजदा किया,
 सुभान अल्लाह बज़्म-ए-महिफल नज़्र हुआ। #खुदा_का_बंदा  #YourQuoteAndMine
Collaborating with Anant Bijay
Collaborating with Pankhuri Sinha

जमीन-ओ-आसमां, हैं किसी ने मिलते देखे कहीं,
महबूब-ए-दिल के अलावा,ख़ुदा कहीं मिलते नहीं।

#अशोककुमारकौशिकशौक #अलफ़ाज़_जो_लिखे_तेरी_याद_में
दीदार-ए-वफा हो गया, थम गई जैसे सांसे वही,
ना जमीन तांकि, ना आसमां पर नज़र गई,
महबूब का नूर-ए-खुदा देखा, बिस्मिल्लाह ‌करदी हमनें वहीं,
आदिल-ए-इश़्क में जैसे ही सजदा किया,
 सुभान अल्लाह बज़्म-ए-महिफल नज़्र हुआ। #खुदा_का_बंदा  #YourQuoteAndMine
Collaborating with Anant Bijay
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जमीन-ओ-आसमां, हैं किसी ने मिलते देखे कहीं,
महबूब-ए-दिल के अलावा,ख़ुदा कहीं मिलते नहीं।

#अशोककुमारकौशिकशौक #अलफ़ाज़_जो_लिखे_तेरी_याद_में
mrsrosysumbriade8729

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