गांव की छत से जो खुला आसमान दिखता है वो शहरों में कही मिल जाए तो बताना हमें भी, तलाश है सुकून की कई अरशों से कही कुएं का पानी मिल जाए तो बताना हमें भी, और ना मिले तो भी कहना चलेंगे उन्ही पगडंडियों से उन्ही संकरे रास्तों पर कही न कही मेरे गांव में आज भी एक कुआं होगा जो प्यास सबकी बुझाता होगा, कोई न कोई आज भी कुलदेव की पूजा नियम से रोज करने मंदिर पर आता होगा, किसी न किसी के घर पर आज भी माटी का चूल्हा होगा जिसपर आज भी कोई खाना पकाता होगा, और जाने या ना जाने तुम्हें तुम अगर वहां पहुंच जाओगे न तो वो तुम्हें प्यार से पायदान लगाकर बिठाएगा, सुखी रोटी होगी ना घर में तो भी वो जो खायेगा वही तुम्हें खिलेगा... ये गांव शहरों में कही मिल पाएगा तो बताना, घुटन होती है कभी कभी शहर की भीड़ में अकेले रहकर वहां बैठेंगे अकेले भी ना तो पूरा गांव हाल पूछने तुरंत चला आएगा...🙂 मेरा गांव... #mywritingmywords #mywritingmythoughts #गांव #याद #love