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मैं आज अकेला हूँ, पिस्तौल भी है दुःख भी है, तुम्हा

मैं आज अकेला हूँ, पिस्तौल भी है दुःख भी है,
तुम्हारे बाद में बैठे परिंदे उड़ जाएंगे।
डराने वालों हमें देखने को तरसोगे,
कभी न लौटेंगे एक रोज ऐसे उड़ जाएंगे। मैं आज अकेला हूँ, पिस्तौल भी है दुःख भी है,
तुम्हारे बाद में बैठे परिंदे उड़ जाएंगे।
डराने वालों हमें देखने को तरसोगे,
कभी न लौटेंगे एक रोज ऐसे उड़ जाएंगे।
मैं आज अकेला हूँ, पिस्तौल भी है दुःख भी है,
तुम्हारे बाद में बैठे परिंदे उड़ जाएंगे।
डराने वालों हमें देखने को तरसोगे,
कभी न लौटेंगे एक रोज ऐसे उड़ जाएंगे। मैं आज अकेला हूँ, पिस्तौल भी है दुःख भी है,
तुम्हारे बाद में बैठे परिंदे उड़ जाएंगे।
डराने वालों हमें देखने को तरसोगे,
कभी न लौटेंगे एक रोज ऐसे उड़ जाएंगे।

मैं आज अकेला हूँ, पिस्तौल भी है दुःख भी है, तुम्हारे बाद में बैठे परिंदे उड़ जाएंगे। डराने वालों हमें देखने को तरसोगे, कभी न लौटेंगे एक रोज ऐसे उड़ जाएंगे।