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जितनी दूर हुए हम उनसे, और अधिक नजदीक हुए। यादों क

जितनी दूर हुए हम उनसे, 
और अधिक नजदीक हुए।
यादों के पदचिन्ह प्रस्फुटित,
अनगिनत हमारे बीच हुए।
उनकी यादें रुधिर सरीखी
बहती रक्त शिराओं में,
हम उनमें वो हममें खोए, 
नीर-क्षीर सम प्रीत हुए।
अरुण शुक्ल "अर्जुन"
  प्रयागराज I am a student and a lover rahul minhas Milkha singh Md Faizan ankahe_afssane  Nisha Dhiman
जितनी दूर हुए हम उनसे, 
और अधिक नजदीक हुए।
यादों के पदचिन्ह प्रस्फुटित,
अनगिनत हमारे बीच हुए।
उनकी यादें रुधिर सरीखी
बहती रक्त शिराओं में,
हम उनमें वो हममें खोए, 
नीर-क्षीर सम प्रीत हुए।
अरुण शुक्ल "अर्जुन"
  प्रयागराज I am a student and a lover rahul minhas Milkha singh Md Faizan ankahe_afssane  Nisha Dhiman