टूटे पखों से ही सही परवाज़ तो कर...! अपने वजूद को इस घुटन से आज़ाद तो कर...!! भूल जा ग़मों को तू, ज़रा खुलके जी...! फुक्रों की तरह तू फिक्र को आज़ाद तो कर...!! है तुझमे भी वो हिम्मत है तुझमें भी वो ताकत...! एक बार ज़रा खुद को तू शाबाश तो कर....!! टूटे पखों से ही सही परवाज़ तो कर.... तोड़ ग़म का मजीरा, उठा खुशियों की शहनाई...! सोज़ को ज़रा तू अपने साज़ तो कर....!! टूटे पखों से ही सही परवाज़ तो कर.... दुश्मन पस्त होंगे ग़म ढ़ेर हो जायेंग तेरे...! होसलों को अपने ज़रा तू जाबाज़ तो कर...!! टूटे पखों से ही सही परवाज़ तो कर.... @abd #Parwaaz