कि थी एक पगली जिससे हुआ था मुझे ८यार लगती थी ८यारी उसकी हर एक बात गुजर जाते थॆ उसके खयालो मे दिन और रात मेेंने सपने मे देखा वह पगली मुझे छोङ गयी सुबह ऑख खुली तो पता चला वह सचमुच में दिल तोड गयी sayari arjun banal