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बिन बादल-बरसात के, सूख रहे नदी ताल। सूखी वसुधा -

बिन बादल-बरसात के, सूख रहे नदी ताल।

सूखी वसुधा - रज में, हँस रहा त्रिकाल।। सूख रहा है ताल
बिन बादल-बरसात के, सूख रहे नदी ताल।

सूखी वसुधा - रज में, हँस रहा त्रिकाल।। सूख रहा है ताल