क्या बताऊँ माँ, तुम क्या कर जाती हो। मेरी उदासी को चुटकी में दूर कर जाती हो, मेरे तनाव को अपने हाथों से सहला उसे आनन्द में बदल जाती हो। क्या बताऊँ माँ, तुम क्या कर जाती हो।। जब करता हूँ गुस्सा,चीखता ,चिल्लाता हूँ तो, यूँ आँखो से डरा प्यारी सी मुस्कान दे जाती हो। क्या बताऊँ माँ, तुम क्या कर जाती हो।। जब होता किसी मुश्किल में तो,तुम मायूश हो जाती हो, देख मुजे दर्द मे, ज्यादा दर्द तुम पाति हो। क्या बताऊँ माँ, तुम क्या कर जाती हो।। मेरे खाना न खाने की जिद में,घण्टो भूखी रह जाती हो, एक निवाला खालू अगर तो,तुम नई ऊर्जा पा जाती हो। क्या बताऊँ माँ,तुम क्या कर जाती हो।। #क्या बताऊँ माँ, तुम क्या कर जाती हो#