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कुछ अनकही.... अपनी यादों की तिजोर

 कुछ अनकही....                 अपनी यादों की तिजोरी कभी खोल कर देखो पिछली भूली हुई सब बातें आँखों के सामने आने लगती हैं। कुछ यार दोस्त जो अब साथ नहीं उनकी बातें बचपन में बिताए हुए लम्हे सब आँखों के सामने घूमने लगते हैं।
लगता है मानो हम उसी दुनिया में वापस चले गए हो कुछ पुरानी यादें कुछ सामान जो हमारे पास पड़ा रहता है केवल यादों के रूप में। कभी उसे यूँ ही खँगालें, उस खुशबू को महसूस करें, जो दफ़न है कई परतों के अंदर।

कुछ अप्रत्याशित घटनाएँ जो हमारे साथ गुज़री हुई होती हैं, जो शायद नहीं होनी चाहिए, कभी फुर्सत में उन्हें भी याद करना सही रहता है। हमारे आगे आने वाले जीवन के लिए वह घटनाएँ प्रेरणा स्रोत बन जाती हैं। 
कुछ समय के लिए भावनाओं का ज्वार उमड़ पड़ता है।

 आँखों से समय की  कब्र में कैद उन क्षणों के लिए श्रद्धा सुमन फूट पड़ते हैं।🌼🌼
 कुछ अनकही....                 अपनी यादों की तिजोरी कभी खोल कर देखो पिछली भूली हुई सब बातें आँखों के सामने आने लगती हैं। कुछ यार दोस्त जो अब साथ नहीं उनकी बातें बचपन में बिताए हुए लम्हे सब आँखों के सामने घूमने लगते हैं।
लगता है मानो हम उसी दुनिया में वापस चले गए हो कुछ पुरानी यादें कुछ सामान जो हमारे पास पड़ा रहता है केवल यादों के रूप में। कभी उसे यूँ ही खँगालें, उस खुशबू को महसूस करें, जो दफ़न है कई परतों के अंदर।

कुछ अप्रत्याशित घटनाएँ जो हमारे साथ गुज़री हुई होती हैं, जो शायद नहीं होनी चाहिए, कभी फुर्सत में उन्हें भी याद करना सही रहता है। हमारे आगे आने वाले जीवन के लिए वह घटनाएँ प्रेरणा स्रोत बन जाती हैं। 
कुछ समय के लिए भावनाओं का ज्वार उमड़ पड़ता है।

 आँखों से समय की  कब्र में कैद उन क्षणों के लिए श्रद्धा सुमन फूट पड़ते हैं।🌼🌼