आओ रंगरेज़ बन जाते हैं प्यार के रंग में सब को रंग देते हैं
नफरतों के इस अध्याय में आओ थोड़ी मिठास घोल देते हैं
फ़ज़ा यहाँ थोड़ी गंभीर है आओ थोड़ी प्यार की महक छोड़ देते हैं
हालातों को क़ाबू कर, आओ थोड़ा पासबाँ बन लेते हैं
मज़हबों के इस मेले में आओ इंसाँ बन लेते हैं #YourQuoteAndMine#tmkosh#holiwithtmkosh