आसमान मां उडत परिन्दा गीत गजल सब गावत है ठौर नहीं प्राणी तेरा मेरे जैसा उड़ उड़ यही सिखावत है चुन चुन तिनका बना घोसला आपन संसार बसावत है खुद ही अप ने जायेन का खुल के उड़ब बतावत है कोई किसी का नहीं परिन्दा उड़ उड़ यही सिखावत है आसमान मां उडत परिन्दा गीत गजल सब गावत है आसमान मां उडत परिन्दा