कैसे जाहिर करू खुद को , कोई शब्द ही नहीं मिलता_! जी चाहता है बेहद रोना, पर घर का कोई कोना ही नही मिलता_! थक गई हूं खुद से,अब कुछ पल के लिए ठहरना चाहती हूं , पर दूर दूर तक कोई ठहराव ही नहीं मिलता_ कहां भाग के जाऊ इस सोर भरी दुनिया से, कमबख्त जिंदगी का कहीं सुकून ही नहीं मिलता_! हां कैसे जाहिर करू खुद को , ________नहीं मिलता...! ©Shikha Srivastava #my📓my🖋️ #myfillings😕😔 #myemotions_mythoughts #My__Creation #mypoetry_mypassion