मौसम का काम है, रंग बदलना, बर्फीली शाम ज़रूर ठिठुर जाती है, अरमानों को न मिचलने देना, मशाल तो वह ही जलाते हैं।। Pic self Shimla फ़िर बर्फ गिरी है मेरे शहर में सर्द खामोश मेरे ज़ज्बात सी बुझ रहा है अलाव यादों का ठिठुर रहे हैं अरमान मेरे भी #rztask239 #rzलेखकसमूह #restzone