एक बात है जो हौटो से बाहर आई नहीं, बस आंखौ से है ये जाँकती , तूमसे कभी, मुझसे कभी, कुछ लफ्ज है ये मांगती, जिनको पेहेनके वो हौटो तक आ जाए, आवाज की बाहों में बाहें डाल के इथलाऐ वोह, लेकिन जो ये एक बात है एहसास ही एहसास है। ©Neerav Official #हौटौ #आंखों #लफ्ज़ #आवाज #बाहों #एहसास #शायरी #poetryunplugged