मेरे सारे के सारे अरमाँ तिल-तिल जलकर राख हुए, जब से वो मेरा दिल तोड़ कर किसी और के साथ हुए। उनकी ख्वाहिशों के लिए हमने सब कुछ लुटा दिया, अपनी ख्वाहिशे पूरी करने के लिए वह हमसे दूर हुए अपना समझ कर कर दी थी जिंदगी जिनके हवाले, वो निकले बेगैरत जो थे कभी हमारे अब गैरों के हुए। ♥️ Challenge-610 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।