निगाहों में हो पर मुझे नजर आते नहीं मोहब्बत में हो पर हमें गले लगाते नहीं ये भी कोई इश्क का सलीका है जालिम गलियों में हो पर अपनी झलक दिखाते नहीं आदित्य कुमार भारती टेंगनमाड़ा, बिलासपुर, छ.ग. # मोहब्बत में चाह