Nojoto: Largest Storytelling Platform

आगोश-ए-सितम में छुपाले कोई, तन्हा हूँ तड़पने से ब

आगोश-ए-सितम में 
छुपाले कोई,
तन्हा हूँ
 तड़पने से बचा ले कोई,
सूखी है 
बड़ी देर से पलकों की जुबां,
बस 
आज तो 
जी भर के रुला दे कोई।

©हिमांशु Kulshreshtha
  रुला दे कोई....

रुला दे कोई.... #Shayari

153 Views