सांवरिया आज उलझ गई हूं मैं बहुत, अब ना जीना आसान है। हारने मत देना मोहन मुझको, बहुत ही मुश्किल इम्तिहान है।। संघर्षों का दौर है ये, अब ना कोई मुझे अपना नज़र आ रहा है। ना जीती हूं ना हारी हूं, हर तरफ बस चीत्कार नज़र आ रहा है।। क्या करूं अब ना समझ आ रहा है, हर तरफ बस अंधकार है। हर आस मेरी मिट रही है, अब ना सांवरे मेरा कोई आधार है।। जीना भी मुश्किल, मौत भी नहीं, कैसी है ये घड़ी परीक्षा की। अब कान्हा तू ही निकलेगा संकट से, लाज रखना मेरे इच्क्षा की।। #krishnasehum #krishna #krishnalove #competitionsbymanavi #collab #competition #participate #YourQuoteAndMine Collaborating with Competitions By Manavi