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चाह प्रेम की रखने वालों,भाव मिटाना वैरी है। क्षण भ

चाह प्रेम की रखने वालों,भाव मिटाना वैरी है।
क्षण भर के ही इस जीवन में,कैसी हेरा-फेरी है।।
लगते जो हैं सबसे अपने, असल दिखे क्यों बेगाने।
रोटी अजी कमा ना सकते, चाँद तोड़ते परवाने।।

©Bharat Bhushan pathak #happypromiseday 
चाह प्रेम की रखने वालों,भाव मिटाना वैरी है।
क्षण भर के ही इस जीवन में,कैसी हेरा-फेरी है।।
लगते जो हैं सबसे अपने, असल दिखे क्यों बेगाने।
रोटी अजी कमा ना सकते, चाँद तोड़ते परवाने।।

#happypromiseday चाह प्रेम की रखने वालों,भाव मिटाना वैरी है। क्षण भर के ही इस जीवन में,कैसी हेरा-फेरी है।। लगते जो हैं सबसे अपने, असल दिखे क्यों बेगाने। रोटी अजी कमा ना सकते, चाँद तोड़ते परवाने।। #Poetry

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